चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पार्टी के बेहद अहम सदस्य को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। हम बात करें हैं मंत्री हरक सिंह रावत की।
उत्तराखंड के सियासी गलियारों से अब तक की सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है। विधानसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड भाजपा में बड़ा सियासी भूचाल देखने को मिल रहा है। चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पार्टी के बेहद अहम सदस्य को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। हम बात करें हैं मंत्री हरक सिंह रावत की। लंबे समय से मंत्री हरक सिंह रावत भाजपा के लिए मुसीबत बन कर खड़े हुए थे। कभी उन्होंने कोटद्वार से न लड़कर केदारनाथ से लड़ने की इच्छा जाहिर की तो कभी उन्होंने अन्य महिला प्रत्याशियों को टिकट दिलाने के लिए भाजपा से सिफारिश की। भाजपा पर दबाव बनाना आखिरकार हरक सिंह रावत को भारी पड़ गया और पार्टी ने उनको टाटा बाय बाय बोल दिया। लंबे समय से भाजपा के लिए मुश्किल बने हुए थे। भाजपा ने ना केवल उन को 6 साल के लिए पार्टी से बर्खास्त कर दिया है जबकि उनको मंत्रिमंडल से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया है। बता दें कि हरक सिंह रावत लगातार पार्टी के ऊपर दबाव बना रहे थे। मगर भारतीय जनता पार्टी हरक सिंह रावत के दबाव में नहीं आई और उनकी शर्तों का ना मानते हुए पार्टी ने उनको दूर से ही नमस्ते कर दिया है।
मुख्यमंत्री स्टाफ से मिली जानकारी के अनुसार हरक सिंह रावत खुद के लिए तो टिकट मांग ही रहे थे जिसके लिए पार्टी उन्हें हकदार भी मान रही थी। लेकिन इसके अलावा वह अपनी बहू अनुकृति गुसाईं के लिए लैंसडाउन से टिकट मांग रहे थे। वे अपनी बहू को टिकट दिलवाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के ऊपर दबाव बना रहे थे। और इतना ही नहीं इसके अलावा वे दो से तीन अन्य महिलाओं के लिए भी टिकट की मांग कर रहे थे। मगर पार्टी ने उनके सभी शर्तों को दरकिनार करते हुए उनको पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है और उन्हें पार्टी से बर्खास्त कर दिया है। आज दिल्ली में पूर्व सीएम हरीश रावत और प्रदेश के दूसरे नेताओं की मौजूदगी के साथ ही कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं के सामने हरक सिंह और उनकी पुत्रवधू अनुकृति कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। चर्चाएं तो यह भी हैं कि हरक सिंह रावत के साथ ही कुछ और विधायक भी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। वहीं भाजपा से बर्खास्त होने के बाद हरक अपने आसुंओं को रोक न सके।उन्होंने कहा कि बीजेपी इतना बड़ा फैसला लेने से पहले मुझसे एक बार भी बात नहीं की। हरक सिंह रावत ने कहा कि " अब मैं निस्वार्थ होकर कांग्रेस को जीताने का काम करूंगा। हम पिछले पांच साल के नौजवान को रोजगार नहीं दे पाए, उत्तराखंड क्या नेताओं को रोजगार देने के लिए बनाया है। "